उसे देख जो मैं डरा तो मुस्कुरा के बोला मुझसे डरो ना,अगर बरतोगे सतर्कता तो नही होगा कोरोना।

डीएम सोनी बचेली


उसे देख जो मैं डरा तो मुस्कुरा के बोला मुझसे डरो ना,अगर बरतोगे सतर्कता तो नही होगा कोरोना। 

 कोरोना संक्रमण से जिला प्रशासन के कर्मचारी में नही रहे अछूते कोरोना से लड़ाई जीतने के बाद साझा कर रहे अपने अनुभव। 


दंतेवाड़ा, 8 अक्टूबर 2020 वो कहते है ना "डर के आगे जीत है " कोविड-19 यानी कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया में खौफ का माहौल है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश भारत भी इससे अछुता नही है। लेकिन सबसे खास बात यह है कि कोरोना को हराया जा सकता है। इससे डरने की बिल्कुल जरूरत भी नही है समय रहते सतर्कता से न सिर्फ इससे बचा सकता है बल्कि कोरोना संक्रमित होने पर भी घबराने की जरूरत नही है। दरअसल, यह कहानी दन्तेवाड़ा के रहने वाले 22 वर्षीय दिनेश ठाकुर की है जो कोरोना का शिकार बने थे जिला अस्पताल के डाटा एन्ट्री ऑपरेटर दिनेश ने अपना अनुभव मुहजबानी बताया। उन्होंने बताया कि शुरूआत में उन्हें तेज बुखार शरीर में र्दद, कमजोरी का अहसास हुआ तो तुरन्त कोरोना जाचं करवाया आई रिपोर्ट के अनुसार कोरोना पोजिटिव पाया गया उन्हे होम आईसोलेशन में रखा गया। डॉक्टरो ने दवाई के साथ पौष्टिक आहार लेने की सलाह दी। उन्होने कहा कि यह मेरे लिए नई जिंदगी में कदम रखने जैसा अहसास है और लोग कोरोना से डरे और घबराये नही उन्होने लोगो को सावधानी रखने की जरूर सलाह दी साथ ही कहा कि अपनी स्वास्थ्य और सफाई का विशेष ध्यान दे। उन्होंने कभी भी अपने आप को अलग-थलग महसूस नही किया इस दौरान उन्होने घर वालो से बात कि लेकिन साथ में पूरी सावधानी बरती। 

जिला कलेक्टर कार्यालय में चिप्स में कार्यरत शान्तनु शुक्ला एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव पाए गये। कोविड अस्पताल गीदम में उनका इलाज हुआ जहाँ से अब वो पूरी तरह से स्वस्थ्य होकर घर वापस आ गए है इस दौरन उनको पूरी तरह से चिकित्सक एवं स्टाफ का सहयोग मिला। उन्होने जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को धन्यवाद ज्ञापित किया है। इनके मुताबिक सतर्कता जरूरी है संक्रमण के बाद ना घबराकर हिम्मत से इसका सामना करे सबसे बड़ी बात की बीमार व्यक्ति का मनोबल बढ़ाया जाए सही आहार एवं दवाइयों के साथ मन शांत रखे तनाव को दूर रखें बस यही मूल मंत्र है।


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