दंतेवाड़ा / कलेक्टर की पहल - जब अपने ही जिले में मिला काम, लौटी प्रवासी मजदूरों की मुस्कान। dm soni bacheli

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दंतेवाड़ा / कलेक्टर की पहल - जब अपने ही जिले में मिला काम,
लौटी प्रवासी मजदूरों की मुस्कान


मुख्यमंत्री की पहल पर प्रवासी मजदुरो को अपने जिलो में लाया गया,मजदुरो को उनके हुनर के हिसाब से रोजगार मुहैया कराने के निर्देश सभी जिलों के कलेक्टरो को दिए गए थे। 

अब जब जिले में ही काम मिला तो बाहरी राज्यो में नही जाना चाहते मजदूर। 


दंतेवाड़ा / 23 जून 2020 कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के लॉक डाउन के दौरान प्रदेश के कामगार एवं श्रमिकों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल से अपने राज्य सुरक्षित वापस लाया गया। वापस लाने पर क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी करने के पश्चात उन्हें रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खाना ना पड़े करके उनका स्किल मैपिंग कर उनके हुनर हुनर के हिसाब से रोजगार मुहैया कराने के निर्देश दिए गए थे। 


जिला कलेक्टर श्री दीपक सोनी के मार्गदर्शन में प्रवासी मजदूरों क्वॉरेंटाइन की अवधि पूर्ण करने के उपरांत उनका स्किल मैपिंग किया गया साथ ही उन्हें उनके हुनर के मुताबिक अपने जिले में ही रोजगार प्रदान किया जा रहा है। शिक्षा विभाग में 167 श्रमिक साफ सफाई और दीवारों की रंग रोगनपेंटिंग कर स्कूलों को खूबसूरत बनाने में अपना योगदान दे रहें हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 36 श्रमिक सड़क निर्माण कर बरसात में गांवों को जिला मुख्यालय से जोड़े रखने का काम कर रहे हैं। जल संसाधन विभाग में 13 श्रमिक नहर का निर्माण कार्य कर यहाँ की भूमि का सिंचाई कर किसानों का सहयोग कर रहे हैं। 


लोक निर्माण विभाग में 3 तथा नगर पंचायत बारसूर में 4 श्रमिक निर्माण कार्य कर रहे हैं। साथ ही चारों जनपद पंचायतों गीदम में 156दंतेवाड़ा में 75कुआकोण्डा में 111और कटेकल्याण में 173 श्रमिक मनरेगा के तहत डबरी निर्माणगौठान निर्माण आदि कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में कुल 738 श्रमिकों को जिले में रोजगार मुहैया कराया गया है। जिसमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में अब तक श्रमिकों को 96 हजार भुगतान किया जा चुका हैसाथ ही मनरेगा और शिक्षा विभाग द्वारा 190 रुपये प्रति दिन के हिसाब से श्रमिकों एवं कामगारों को भुगतान किया जा रहा है। 


श्रमिक इस बात से बहुत खुश हैं कि उन्हें अपने ही जिले में इतना अच्छा रोजगार मिला और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया। साथ ही अब उन्हें और उनके परिवार को लिए दूसरे राज्यों में रोजगार की तलाश में जाने की नौबत नहीं आएगी। जिसके लिए श्रमिकों ने छत्तीसगढ़ शासन एवं जिला प्रशासन को सहृदय धन्यवाद दिया है।

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