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बचेली आईयप्पा स्वामी के भक्त ( स्वामी ) शबरीमाला के लिए रवाना।
बचेली श्री श्री स्वामी शरणम अय्यपा मंदिर प्रांगण में 17 नवंबर से मंडल पूजा की जा रही है। यह पूजा 27 दिसम्बर तक चलेगी। इसी कड़ी में आज बचेली से पांच स्वामी सबरीमाला के लिए रवाना हो रहे है। जिसमे 1 स्वामी मनु 2 कन्या स्वामी जिजिल कुमार 3 कन्या स्वामी श्रीनिवास नायडू 4 मालिकापुरम दिशा 5 मालिकापुरम अनुष्का को अय्यप्पा मंदिर बचेली के तिरुमेनि श्री वासुदेवन नम्बूतिरी ने पांचो स्वामियों का इरुमूड़ी केटटू तैयार किया एवं शबरीमाला जाने के लिए आशीर्वाद प्रदान किया।
आपको बता दे की पहली बार सबरी माला की चढ़ाई करने वाला स्वामी दीक्षा लेने के बाद 41 दिन की कठिन तपस्या व व्रत करते है। पहली बार जो स्वामी शबरीमाला जाते है उन्हें कन्या स्वामी एवं स्त्रियों को मालिकापुरम कह कर सम्बोधित किया जाता है। इस दौरान स्वामी पूरी तरह ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए साधारण भोजन ग्रहण करता है। इन दिनों स्वामी द्वारा किसी प्रकार के धर्म विरुद्ध कार्य वर्जित है । मांसाहार का त्याग दुसरो की निंदा करना झूठ बोलना आदि वर्जित है। जमीन में सोना साबुन तेल आदि का त्याग करना बाल व नाखून नही काटना आदि इस व्रत में शामिल है। पुराने समय मे स्वामी मंडला काल मे घर का भी त्याग कर अलग स्वामी लोगो के साथ रहते थे खाना पीना भी सामूहिक रूप से पकाया जाता था। बचेली आईयप्पा मंदिर में अंतिम मंडल पूजा 27 को सम्पन्न होगी एवं 18 दिसम्बर को अन्नदानम भंडारा का आयोजन किया जाएगा।
बचेली आईयप्पा स्वामी के भक्त ( स्वामी ) शबरीमाला के लिए रवाना।
बचेली श्री श्री स्वामी शरणम अय्यपा मंदिर प्रांगण में 17 नवंबर से मंडल पूजा की जा रही है। यह पूजा 27 दिसम्बर तक चलेगी। इसी कड़ी में आज बचेली से पांच स्वामी सबरीमाला के लिए रवाना हो रहे है। जिसमे 1 स्वामी मनु 2 कन्या स्वामी जिजिल कुमार 3 कन्या स्वामी श्रीनिवास नायडू 4 मालिकापुरम दिशा 5 मालिकापुरम अनुष्का को अय्यप्पा मंदिर बचेली के तिरुमेनि श्री वासुदेवन नम्बूतिरी ने पांचो स्वामियों का इरुमूड़ी केटटू तैयार किया एवं शबरीमाला जाने के लिए आशीर्वाद प्रदान किया।
आपको बता दे की पहली बार सबरी माला की चढ़ाई करने वाला स्वामी दीक्षा लेने के बाद 41 दिन की कठिन तपस्या व व्रत करते है। पहली बार जो स्वामी शबरीमाला जाते है उन्हें कन्या स्वामी एवं स्त्रियों को मालिकापुरम कह कर सम्बोधित किया जाता है। इस दौरान स्वामी पूरी तरह ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए साधारण भोजन ग्रहण करता है। इन दिनों स्वामी द्वारा किसी प्रकार के धर्म विरुद्ध कार्य वर्जित है । मांसाहार का त्याग दुसरो की निंदा करना झूठ बोलना आदि वर्जित है। जमीन में सोना साबुन तेल आदि का त्याग करना बाल व नाखून नही काटना आदि इस व्रत में शामिल है। पुराने समय मे स्वामी मंडला काल मे घर का भी त्याग कर अलग स्वामी लोगो के साथ रहते थे खाना पीना भी सामूहिक रूप से पकाया जाता था। बचेली आईयप्पा मंदिर में अंतिम मंडल पूजा 27 को सम्पन्न होगी एवं 18 दिसम्बर को अन्नदानम भंडारा का आयोजन किया जाएगा।
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