बचेली के नगर पालिका परिसर में महिला शौचालय तक नही पसरी गंदगी दिया तले अंधेरा
बचेली लोह नगरी विश्व विख्यात है यहां के पहाड़ बैलाडीला के नाम से विश्व प्रसिद्ध है परंतु इस बचेली नगर की नगर पालिका को लोग नरक पालिका से सम्बोधित करने लगे है। इस नगर पालिका ने बचेली को ओडीएफ यानी 100% शौचालय युक्त बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हुए नजर आये।परन्तु दिया तले अंधेरा वाली कहावत को चरितार्थ करती ये रिपोर्ट। नगर पालिका के अंदर ही शौचालय नही है।
और जो शौचलय है वह उपयोग के लायक नही है। जो है वो गंदगी से लबालब भरा है कि उसे उपयोग पे लाया भी नही जा सकता। और तो और इस नगर पालिका के गठन होकर लगभग 18 साल हो गया है इस नगर पालिका के अंदर एक महिला शौचालय तक नही बनांया गया इस नगर पे लगातार 3 बार से भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त होता आया है और हर बार लगभग 6 से 7 महिला पार्षदों की संख्या रहती है और लगभग आफिस के अंदर 6 से 8 महिलाये कार्यरत है उसके बाद ये हालात है कि एक महिला शौचालय तक नही है और नगर पालिका सीएमओ श्री पी आर कोर्राम के द्वारा कईयो बार देर शाम तक इन कर्मचारियों से काम करवाया जाता है। जिसे करने पे कर्मचारियों को कोई दिक्कत नही परन्तु बात शौचालय का आने पर ही इनका दर्द छलक जाता है। और नगर पालिका के अंदर पेयजल हेतु जो मशीन लगाई गई है। और जिसे उपयोग किया जाता है उस जगह पे पान गुटको की थूक से गंदगी भरी पड़ी है। और पेयजल के आसपास पानी का रिसाव लगातार होता रहता है। वैसे तो बचेली नगर को स्वच्छ किया जा रहा है परंतु नगर पालिका के अंदर यह स्थिति है तो समझ लीजिए नगर का क्या हाल होगा अंधेर नगरी चौपट राजा की उपाधि मिली हुई बचेली नगर पालिका। इस विषय पे बचेली नगर पालिका के सबसे जुझारू पार्षद फ़िरोज़ नवाब से जानकारी लेने पर उनका साफ कहना है कि यह नगर पालिका के अंदर विपक्षी पार्षदों की कोई सुनवाई नही होता है एक ही काम को दस बार बोलने पर भी कर्मचारी सुनने को तैयार नही होते है। अधिकारी गण केवल मीटिंग ही करते रहते है। कुलमिलाकर देखने वाली बात है कि खुद बीमार गंदगी की चपेट में आई नगर पालिका बचेली नगर को किस तरह साफ सुथरा स्वस्थ बनाती है।
Dm सोनी संवाददाता नवप्रदेश बचेली
बचेली लोह नगरी विश्व विख्यात है यहां के पहाड़ बैलाडीला के नाम से विश्व प्रसिद्ध है परंतु इस बचेली नगर की नगर पालिका को लोग नरक पालिका से सम्बोधित करने लगे है। इस नगर पालिका ने बचेली को ओडीएफ यानी 100% शौचालय युक्त बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हुए नजर आये।परन्तु दिया तले अंधेरा वाली कहावत को चरितार्थ करती ये रिपोर्ट। नगर पालिका के अंदर ही शौचालय नही है।
और जो शौचलय है वह उपयोग के लायक नही है। जो है वो गंदगी से लबालब भरा है कि उसे उपयोग पे लाया भी नही जा सकता। और तो और इस नगर पालिका के गठन होकर लगभग 18 साल हो गया है इस नगर पालिका के अंदर एक महिला शौचालय तक नही बनांया गया इस नगर पे लगातार 3 बार से भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त होता आया है और हर बार लगभग 6 से 7 महिला पार्षदों की संख्या रहती है और लगभग आफिस के अंदर 6 से 8 महिलाये कार्यरत है उसके बाद ये हालात है कि एक महिला शौचालय तक नही है और नगर पालिका सीएमओ श्री पी आर कोर्राम के द्वारा कईयो बार देर शाम तक इन कर्मचारियों से काम करवाया जाता है। जिसे करने पे कर्मचारियों को कोई दिक्कत नही परन्तु बात शौचालय का आने पर ही इनका दर्द छलक जाता है। और नगर पालिका के अंदर पेयजल हेतु जो मशीन लगाई गई है। और जिसे उपयोग किया जाता है उस जगह पे पान गुटको की थूक से गंदगी भरी पड़ी है। और पेयजल के आसपास पानी का रिसाव लगातार होता रहता है। वैसे तो बचेली नगर को स्वच्छ किया जा रहा है परंतु नगर पालिका के अंदर यह स्थिति है तो समझ लीजिए नगर का क्या हाल होगा अंधेर नगरी चौपट राजा की उपाधि मिली हुई बचेली नगर पालिका। इस विषय पे बचेली नगर पालिका के सबसे जुझारू पार्षद फ़िरोज़ नवाब से जानकारी लेने पर उनका साफ कहना है कि यह नगर पालिका के अंदर विपक्षी पार्षदों की कोई सुनवाई नही होता है एक ही काम को दस बार बोलने पर भी कर्मचारी सुनने को तैयार नही होते है। अधिकारी गण केवल मीटिंग ही करते रहते है। कुलमिलाकर देखने वाली बात है कि खुद बीमार गंदगी की चपेट में आई नगर पालिका बचेली नगर को किस तरह साफ सुथरा स्वस्थ बनाती है।
Dm सोनी संवाददाता नवप्रदेश बचेली
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