भाजपा शासन में पोटाकेबिन व वाटरहेड टैंक निर्माण भ्रष्टाचार जांच पर दोषी करार अधिकारियों पर कार्यवाही के बदले कांग्रेस सरकार की मेहरबानी क्यों ? :- मुक्ति मोर्चा
उच्च न्यायलय ने कमिश्नर बस्तर को जांच एजेंसी नियुक्त कर, तीन माह में रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही के दिये थे निर्देश। दो वर्ष बाद भी जांच अपूर्ण दोषी कौन? :- मुक्ति मोर्चा
दंतेवाड़ा :- बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के संयोजक नवनीत चाँद के नेतृत्व में दन्तेवाड़ा व सुकमा जिला के राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा निर्माण कार्यो पर हुए भ्र्ष्टाचार की शिकायत पर दोषियों पर अब तक सरकार द्वारा कार्यवाही न किये जाने व दोषियों को संरक्षण देने की मंशा पर सवाल करते हुए ,बस्तर संभाग के आयुक्त कार्यलय को ज्ञापन सौपते दोषियों पर कार्यवाही की मांग करते हुए;मुक्ति मोर्चा के प्रमुख सयोजक नवनीत चाँद सरकार व बस्तर संभाग प्रशासन सम्पूर्ण घटना पर दोषियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि दन्तेवाड़ा ,व सुकमा जिलों में राजीव गांधी शिक्षा मिशन के नेतृत्व में संचालित 42 पोटाकेबिनो में पेयजल व्यवस्था किये जाने के उद्देश्य से राज्य परियोजना कार्यलय के निर्देश पर सन 2011-12 में ओव्वर हेट वाटर टैंकों के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदाय कर राशि जारी की गई थी। वही पोटाकेबिन आश्रम निर्माण हेतु करोडो की राशि जारी करते हुए मिशन द्वारा शिक्षा विभाग के खंड शिक्षा अधिकारी (बी ओ)व खण्ड स्त्रोत समन्वयक (बी आर सी) को निर्माण एजेंसी बनाया था।
उक्त निर्माण में निर्माण की गुडवत्ता व लागत से अधिक राशि आहरण करने की शिकायत प्राप्त होने पर कलेक्टर दन्तेवाड़ा की जांच पर गीदम ब्लाक के घटना वर्ष पदस्थ बीओ व बी आर सी पर गम्भीर वित्त अनिमिताय प्रथम दृष्टि में दोषी पाते हुए आरोपित कर सम्बंधित एक ब्लाक के अधिकारी को निलंबित कर ,शिकायत के आधार पर अन्य जिलों में राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा अतिरिक्त 21 वाटर टैंकों के निर्माण की जांच करवाने व अन्य दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रतिवेदन कमिश्नर बस्तर को दिया था । भाजपा के शासन कॉल में पूर्व शिक्षा मंत्री के द्वारा सम्पूर्ण मामले की जांच की घोषणा करते हुए ,निलंबित अधिकारी को बहाल कर स्थान्तरित कर बस्तर जिले में बतौर, बी ओ पदस्थ कर दिया वह अन्य घटना में संलिप्त दन्तेवाड़ा व सुकमा जिला के अधिकारियों पर अब तक कोई भी कार्यवाही नही किया गया ,तब शिकायतकर्ताओ के द्वारा माननीय उच्च न्यायलय में पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवा दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग रखी गई ,जिसे माननीय न्यायालय से स्वीकार करते हुए वर्ष 2017 -18 में सरकार को आदेश देते हुए बस्तर कमिश्नर को जांच एजेंशी नियुक्त कर रिपोर्ट के आधार सरकार को कार्यवाही का निर्देश दिया गया ,वर्ष 2018 से यह जांच 90 दिनों के समय सीमा को तय कर प्रारम्भ की गई है।
पर 18 नोटस जारी होने के बाद भी कमिश्नर बस्तर द्वारा जिला स्तर जांच कमेटी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट कमिश्नर कार्यलय में आज पर्यन्त तक प्रस्तुत नही की ,न ही दोषियों द्वारा कोई अपनी सफाई प्रस्तुत की है। यह पूरा मसला बस्तर प्रशासन व सरकार की कार्यशैली व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मंशा पर गम्भीर सवाल खड़ा कर रहा है। बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के सयोजक नवनीत चाँद ने जारी बयान में आगे कहा है। कि मुक्ति मोर्चा उक्त भ्रष्टाचार में लिप्त दोषियों पर कार्यवाही की मांग व दस्तावेजों के आधार पर जांच के नए तथ्यों को उजागर करते हुए आगामी दिनों में माननीय उच्च न्यायलय के आदेश के पालन करवाने हेतु कमिश्नर बस्तर को आज ज्ञापन सौप जांच रिपोर्ट सर्वजिनक करने की मांग की है।वही ,जांच रिपोर्ट में देरी पर भी सवाल खड़ा कर इस सम्बंध में भी एक नई जांच की मांग करते हुए बस्तर के सभी जनप्रतिनिधियों से अपील करती है। कि बस्तर की शिक्षा प्रणाली को भ्र्ष्टाचारियो का पनाहगाह न बनने दे,विधानसभा में लगे ध्यानाकर्षण में इस घटना को गम्भीरता से ले दोषियो पर कार्यवाही का दबाव शासन पर बनाये और स्वर्गीय राजीव गांधी के नाम पर चल रही योजनाओं से खिलवाड़ न होने दे ,आज के इस मुक्ति मोर्चा के ज्ञापन कार्यक्रम में मुक्तिमोर्चा के सयोजक नवनीत चाँद ,जिला सयोजक भरत कश्यप, दरभा ब्लाक सयोजक राजू सोढ़ी,लोहंडीगुडा ब्लॉक सयोजक डमरू मंडावी, दीपक शहर सयोजक शोभा गंगोत्री,एकता रानी,अंकिता दत्ता, सी एच भारती, गीता बघेल,शलेन्द्र वर्मा,साहिल दास, अभय शर्मा,आकाश भारती, सनी, नानगुर ब्लाक सयोजक विकास मांझी ,नटवर कुमावत,दीपक,नगरनार ब्लाक सयोजक विकास जोशी,अभिषेके कश्यप आदि उपस्थित थे।
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