जिलेवासी गढ़कलेवा में अब ले सकेंगे छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद।

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जिलेवासी गढ़कलेवा में अब ले सकेंगे छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद। 

मुख्यमंत्री की घोषणा के पश्चात छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों का प्रदेश की संस्कृति और तीज त्योहारों में महत्व को भी जन-जन तक पहुंचाने में इन केंद्रों की रहेगी महत्वपूर्ण भूमिका। 



दंतेवाड़ा, 17 अगस्त 2020।। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय में गढ़कलेवा की शुरुआत हुई। सर्किट हाउस के पास मेन रोड में जैविक कैफे आदिम में इसका संचालन किया जा रहा है। जिले में पहुंचने वाले पर्यटक तथा यहां के निवासी अब ठेठरी, खुरमी, अनरसा, फरा, चीला, उड़द, मूंग बड़ा, अंगाकर रोटी, रागी रोटी, गुलगुला भजिया जैसे छत्तीसढ़ी व्यंजन का आनंद ले सकेंगे। गढ़कलेवा खुल जाने से एक ओर दंतेवाड़ा वासियों को अब छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद मिल पाएगा, वहीं दूसरी ओर स्थानीय महिला समूहों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।


प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रत्येक जिले में गढ़कलेवा खोलने की घोषणा पहले से कर दी थी। इसका अनुपालन करते हुए प्रशासन ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इसकी शुरुआत की। बतौर गढ़कलेवा रेस्टोरेंट में खुरमी, ठेठरी, फरा, गुजिया, अंगाकर रोटी, चीला, कढ़ी, अनरसा, बोबरा जैसे स्वादिष्ट स्थानीय व्यंजन जिलावासियों के लिए उपलब्ध होंगे। जिलेवासियों को छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद दिलाने के लिए तात्कालिक तौर पर गढ़कलेवा जैविक कैफे आदिम में शुरू किया गया है।


 मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के राज्य बजट में भी जिला मुख्यालयों में गढ़कलेवा केंद्र खोलने के लिए स्व-सहायता समूहों को जरूरी सुविधाएं, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है। इस गढ़कलेवा केंद्र में छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व स्वादिष्ट स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखने का मौका दंतेवाड़ा में ही मिल पाएगा। छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहरी क्षेत्रों में भी लोकप्रिय करने का यह गढ़कलेवा रेस्टोरेंट विशेष केंद्र होंगे। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों का प्रदेश की संस्कृति और तीज त्योहारों में महत्व को भी जन-जन तक पहुंचाने में इन केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

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