बस्तर संभाग में मलेरिया अभियान का शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने वाला जिला बना दंतेवाड़ा dm soni bacheli

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बस्तर संभाग में मलेरिया अभियान का शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने वाला जिला बना दंतेवाड़ा

कलेक्टर की पहल पर सर्वेक्षण दल पहुंचविहीन तथा नदी पार के गांवों में पहुंचकर मलेरिया की जांच एवं गांववासियों को मेडिकेट मच्छरदानी भी बांट रहा। 

मुख्यमंत्री का मलेरिया मुक्त बस्तर का सपना पूरा होता हुआ। 


दन्तेवाड़ा, 29 जुलाई 2020।। मानसून की दस्तक के बाद जिले में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के द्वितीय चरण की शुरूआत बीते 15 जून से हुई है, जो 31 जुलाई तक चलेगी। नक्सल प्रभावित जिला दंतेवाड़ा के सभी विकासखण्ड में कलेक्टर श्री दीपक सोनी के मार्गदर्शन में 8 जून से प्रथम फेज में पहुंच विहीन गांवों के लिए अभियान शुरू किया गया था। द्वितीय चरण में 69 हजार 532 घरों में सर्वेक्षण कर 3 लाख 01 हजार 996 लोगों की मलेरिया जांच करने का लक्ष्य रखा गया था। परन्तु सर्वेक्षण दलों के द्वारा 71 हजार 186 घरों का सर्वेक्षण कर 3 लाख 03 हजार 225 लोगों की जांच की गयी। जिसमें से 3 हजार 645 लोग मलेरिया पाजिटिव पाये गये हैं। जिनका बेहतर इलाज किया गया और मलेरिया से सुरक्षा और बचाव की जानकारी भी दी गयी। कलेक्टर श्री दीपक सोनी ने स्वयं यहां की क्षेत्रीय बोली गोंडी में आमजन के लिए वीडियो सन्देश दिया था, जिससे लोग प्रभावित हुए और मलेरिया सर्वेक्षण दल का पूर्ण सहयोग किया, साथ ही उनके बताए अनुसार घरों में मच्छरदानी का प्रयोग और मिले हुए दवाई का सेवन किया।


 जिले के मलेरिया सर्वेक्षण दलों ने प्रत्येक घरों में दस्तक देकर मलेरिया की जांच की। इन दलों द्वारा घरों के साथ-साथ अन्य स्थलों में जाकर मलेरिया की जांच की गयी। इन दलों के द्वारा जिले के सभी लोगों के खून की जांच की गई और मलेरिया पाए जाने पर त्वरित ईलाज एवं निःशुल्क दवाईयां भी उपलब्ध कराया गया। ईलाज शुरू करने के बाद मरीजों का फालो-अप भी लिया गया। जिससे दंतेवाड़ा जिले ने निर्धारित समय से पूर्व ही अपना लक्ष्य पूर्ण कर लिया जो बहुत अच्छी बात है। जो जिला प्रशासन का मार्गदर्शन और स्वास्थ्य विभाग की मेहनत का नतीजा है।


ऐसा नहीं कि नक्सल प्रभावित जिला दंतेवाड़ा में सिर्फ कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण पर सब एकजुट है। बल्कि दंतेवाड़ा सहित आस-पास के अन्दरूनी क्षेत्रों जो चारों और से घने जंगलों, पहाड़ों से घिरे हुए, नदी पार, पहुंच विहीन गांवों, में स्वास्थ्य कार्यकर्ता या कहे कि स्वास्थ्य योद्धा लोगों को कोरोना वायरस से बचाव की बातें तो बता ही रही है, साथ ही वे मलेरिया की रोकथाम और नियंत्रण के लिए पहुंचविहीन तथा नदी पार के गांवों में पहुंचकर मलेरिया की जांच की गयी और गांववासियों को मेडिकेट मच्छरदानी भी बांटा गया जो अभी भी जारी है। साथ ही बीमारों को जरूरी दवाईयां एवं बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण भी कर रहे है। सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का भी पालन कर रहे है। ग्रामीणों को हाथ धोने और साफ-सफाई के साथ रहने सर्दी-खांसी तथा बुखार होने पर सरपंच, सचिव या मितानिन स्वास्थ्य कार्यकर्ता को बताने की बात भी समझा रहे है।


प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बस्तर संभाग के लोगों को मलेरिया से मुक्ति दिलाने हेतु पूरे बस्तर संभाग में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की शुरूआत की। जिसका प्रथम चरण 15 जनवरी से 14 फरवरी 2020 तक चलाया गया था। जिसके द्वितीय चरण की शुरूआत बीते 15 जून से की गयी है जो 31 जुलाई तक जारी रहेगा। इस अभियान के तहत नगरीय क्षेत्र के अलावा दूरस्थ अंचलों, मजरों-टोलों व अन्य स्थलों में लोगों की मलेरिया की सघन जांच की जा रही है। संभाग में इस अभियान को जन अभियान के रूप में विस्तारित किया गया ताकि लोग मलेरिया से जागरूक हो सकें। इस अभियान के तहत् प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोगों की मलेरिया की सघन जांच का कार्य कर रही हैं।


बता दें कि मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के प्रथम चरण में स्वास्थ्य विभाग जिला दंतेवाड़ा द्वारा 15 जनवरी से 14 फरवरी तक चले इस सघन अभियान में जिले के 3 लाख 17 हजार 435 लोगों की मलेरिया जांच की गई थी। जांच में 14 हजार 591 महिला, पुरूष और बच्चे मलेरिया पाजिटिव पाये गए थे। पाजिटिव पाये गये सभी मरीजों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कर मलेरिया की खुराक दिया गया था। जिसमें पाजिटिव मरीजों की संख्या में कमी आयी। इसी का नतीजा है कि अभी द्वितीय चरण में बस 3 हजार 645 मलेरिया पॉजिटिव मरीज मिले। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का तीसरा चरण नवम्बर में चलेगा जिससे जल्द ही मलेरिया से मुक्ति मिल सकेगी।

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