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बस्तरवासियों से चर्चा कर तैयार की जाएगी पुनर्वास एवं व्यवस्थापन की नीति
‘’बोधघाट परियोजना’’ दंतेवाड़ा जिले में बढ़ेगा एक लाख 52 हजार 150 हेक्टेयर सिंचित रकबा
खरीफ सिंचाई रकबा 6.65 प्रतिशत से बढ़कर हो जाएगा 73.38 प्रतिशत
बस्तर के विकास को मिलेगी गति- उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा
दन्तेवाड़ा, 22 जून 2020।। बस्तर की जीवन रेखा इन्द्रावती नदी में प्रस्तावित बोधघाट परियोजना से 3 लाख 66 हजार हेक्टेयर में सिंचाई और लगभग 300 मेगावाट विद्युत का उत्पादन होगा। इसमें दंतेवाड़ा जिले के 51, बीजापुर जिले के 218 तथा सुकमा के 90 इस प्रकार कुल 359 गांव लाभान्वित होंगे। इन तीनों जिलों में खरीफ में एक लाख 71 हजार 75 हेक्टेयर, रबी में एक लाख 31 हजार 75 हेक्टेयर तथा गर्मी में 64 हजार 430 हेक्टेयर इस प्रकार कुल 3 लाख 66 हजार 580 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसमें दंतेवाड़ा जिले के 51 गांवों के एक लाख 53 हजार 150 हेक्टेयर रकबा में सिंचाई होगी। इस परियोजना से दंतेवाड़ा जिले के सिंचाई रकबा 6.65 प्रतिशत से बढ़कर 73.38 प्रतिशत हो जाएगा। इस प्रकार जिले की खरीफ सिंचाई रकबा में 66.73 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
इस परियोजना से मत्स्य उत्पादन का बड़ा जलक्षेत्र उपलब्ध होगा, जिससे प्रतिवर्ष 4 हजार 8 सौ 24 टन मत्स्य उत्पादन होगा। इस परियोजना के निर्माण में 28 गांव पूर्ण रूप से तथा 14 गांव आंशिक रूप से डूबान में आएंगे। ‘‘सिंचाई में वृद्धि- राज्य की समृद्धि’’ के तहत राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत पेयजल, पर्यटन एवं नौका विहार आदि सुविधा भी उपलब्ध कराई जा सकेगी। इसमें लिफ्ट इरीगेशन को भी शामिल कर बस्तर के शेष जिलों को भी सिंचाई एवं निस्तार के लिए जल उपलब्ध कराया जाएगा। ज्ञातव्य है कि गोदावरी नदी की मुख्य सहायक नदी इंद्रावती छत्तीसगढ़ राज्य में कुल 264 किलोमीटर में प्रवाहित होती है।
बस्तरवासियों से चर्चा कर तैयार की जाएगी पुनर्वास एवं व्यवस्थापन की नीतिरू मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि बोधघाट ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसका लाभ सिर्फ और सिर्फ बस्तर के लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब तक बस्तर में जितने भी उद्योग और प्रोजेक्ट लगे हैं, उसका सीधा फायदा बस्तर के लोगों को नहीं मिला है। यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट है, जो बस्तर के विकास और समृद्धि के लिए है। इसका सीधा फायदा बस्तरवासियों को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 40 वर्षों से लंबित इस प्रोजेक्ट को बस्तर की खुशहाली को ध्यान में रखते हुए नए सिरे से तैयार किया किया गया है। बोधघाट परियोजना पहले मुख्य रूप से जल विद्युत उत्पादन के लिए थी, अब इसमें आमूलचूल परिवर्तन कर इसे सिंचाई परियोजना के रूप में तैयार किया गया हैै। जिसका लाभ बस्तर संभाग ग्रामीणों और किसानों को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इंद्रावती नदी के जल का सदुपयोग कर बस्तर को खुशहाल और समृद्ध बनाने के लिए बोधघाट परियोजना जरूरी है। पुनर्वास एवं व्यवस्थापन की नीति लोगों से चर्चा कर तैयार की जाएगी। विस्थापितों को उनकी जमीन के बदले बेहतर जमीन, मकान के बदले बेहतर मकान दिए जाएंगे। हमारी यह कोशिश होगी कि इस प्रोजेक्ट के नहरों के किनारे की सरकारी जमीन प्रभावितों को मिले, ताकि वह खेती-किसानी बेहतर तरीके से कर सके।
बस्तर के विकास को मिलेगी गति- उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा
उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने कहा है कि बोधघाट परियोजना से बस्तर के विकास का नया रास्ता खुलेगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से प्रभावित लोगों को क्या लाभ मिलेगा, इसे स्पष्ट रूप से बताना होगा तथा उनसे चर्चा करनी होगी। मंत्री श्री लखमा ने कहा कि प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले व्यवस्थापन के लिए जमीन का चिन्हांकन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से खेती-किसानी और उससे जुड़े रोजगार के अवसर बढ़ने से बस्तर के विकास को गति मिलेगी। प्रभावित लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा
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