Nishpaksh media Junction bacheli खबर वही जो हो सही dm soni
बचेली - कोरोना संकट के बीच भी बरकरार है रक्तदाताओं का जोश,बचा रहे लोगो की जान।
पूर्व की अपेक्षा वर्तमान में रक्त की आवश्यकता में कमी दर्ज की जा रही।
बचेली - लौहनगरी में इन दिनों लॉक डाउन एवं कोरोना संक्रमण खतरे के बावजूद जागरूक युवा वर्ग रक्तदान के लिए अग्रणी भूमिका निभाकर लोगो की जान बचा रहे है। जानकारी के मुताबिक लाकडाउन के पूर्व रोजाना एनएमडीसी अपोलो अस्पताल में औसतन 10 यूनिट रक्त की आवश्यकता पड़ती थी वो अब घटकर लगभग 4 यूनिट में आ गयी है। इसके पीछे बड़ी वजह है दुर्घटनाओं में कमी एवं शल्यक्रिया का ना होना अब जरूरत प्रसूताओं एवं एनीमिया पीड़ितों तक ही बची है।
इनके लिए भी स्थानीय युवा रक्तदान हेतु बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे है। इनमें से कई तो ऐसे है जो बिना किसी शोर शराबे बिना फ़ोटो बाजी के रक्त देकर चलते बनते है उन लोगो के मुताबिक ईश्वर द्वारा दिया गया अनमोल उपहार है जो हम हमारे शरीर से बिना किसी तकलीफ के दुसरो को दान कर सकते है। रक्तदान करके जो सुकून मिलता है उसका एहसास अद्भुत है,ईनमे से कइयों को ये भी ज्ञात नही होता की उनका रक्त किन्हें दिया जा रहा है।
स्थानीय समाजिक संस्था प्रयास ने ऐसे ही कुछ युवाओ को बीते सप्ताह सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया था। लोग जाती धर्म के नाम पर नफरत फैलाते है परंतु जब रक्त की आवश्यकता होती है तो कोई ये नही पूछता की रक्त किस जाति या किस धर्म का है। ईश्वर ने अभी को एक समान बनाकर धरती पर भेजा है। आइये ईश्वर के बनाये गए इस अनोखे उपहार को दान करके लोगो के प्राण बचाये। रक्त दान महा दान।
बचेली - कोरोना संकट के बीच भी बरकरार है रक्तदाताओं का जोश,बचा रहे लोगो की जान।
पूर्व की अपेक्षा वर्तमान में रक्त की आवश्यकता में कमी दर्ज की जा रही।
बचेली - लौहनगरी में इन दिनों लॉक डाउन एवं कोरोना संक्रमण खतरे के बावजूद जागरूक युवा वर्ग रक्तदान के लिए अग्रणी भूमिका निभाकर लोगो की जान बचा रहे है। जानकारी के मुताबिक लाकडाउन के पूर्व रोजाना एनएमडीसी अपोलो अस्पताल में औसतन 10 यूनिट रक्त की आवश्यकता पड़ती थी वो अब घटकर लगभग 4 यूनिट में आ गयी है। इसके पीछे बड़ी वजह है दुर्घटनाओं में कमी एवं शल्यक्रिया का ना होना अब जरूरत प्रसूताओं एवं एनीमिया पीड़ितों तक ही बची है।
इनके लिए भी स्थानीय युवा रक्तदान हेतु बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे है। इनमें से कई तो ऐसे है जो बिना किसी शोर शराबे बिना फ़ोटो बाजी के रक्त देकर चलते बनते है उन लोगो के मुताबिक ईश्वर द्वारा दिया गया अनमोल उपहार है जो हम हमारे शरीर से बिना किसी तकलीफ के दुसरो को दान कर सकते है। रक्तदान करके जो सुकून मिलता है उसका एहसास अद्भुत है,ईनमे से कइयों को ये भी ज्ञात नही होता की उनका रक्त किन्हें दिया जा रहा है।
स्थानीय समाजिक संस्था प्रयास ने ऐसे ही कुछ युवाओ को बीते सप्ताह सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया था। लोग जाती धर्म के नाम पर नफरत फैलाते है परंतु जब रक्त की आवश्यकता होती है तो कोई ये नही पूछता की रक्त किस जाति या किस धर्म का है। ईश्वर ने अभी को एक समान बनाकर धरती पर भेजा है। आइये ईश्वर के बनाये गए इस अनोखे उपहार को दान करके लोगो के प्राण बचाये। रक्त दान महा दान।
0 Comments