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बचेली - इंटक यूनियन ने श्रम कानूनों में बदलाव को लेकर जताया विरोध
गांधी जी की प्रतिमा के सामने खड़े होकर मजदूर विरोधी बदलाव का किया विरोध,कहा बदलाव मजदुरो के हित मे नही।
बचेली - मेटल माइंस वर्कर्स यूनियन ने श्रम कानूनों में कई प्रदेशों में मनमाने बदलाव का विरोध जताते हुए शांति पूर्ण तरीके से आज इसका विरोध जताया। इसी कड़ी में बचेली यूनियन के सदस्यो ने गांधी जी की प्रतिमा के सामने खड़े होकर इस मजदूर विरोधी बदलाव का विरोध किया।
मेटल माइंस वर्कर्स यूनियन के महामंत्री एवं प्रदेश संगठन महामंत्री श्री आशीष यादव ने बताया की पहले ही देश मे कोविड 19 महामारी के चलते बंद उद्योगों की वजह से आर्थिक संकट से जूझ रहे मजदूर वर्ग पर कई प्रदेशों की सरकारों ने श्रम कानूनों में मनमाना बदलाव कर प्रहार किया गया है ।
उत्तरप्रदेश सरकार ने उद्योगों को तीन साल तक सभी श्रम कानूनों से छूट दे दी है.. वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने एक हजार दिन तक के लिए कुछ कानूनों से छूट देने के साथ ही कुछ कानूनों में बदलाव कर दिया है। गुजरात , हरियाणा, हिमाचल , उत्तराखंड, पंजाब आदि सरकारों ने कार्य के घंटों को 8 से बढ़कर 12 करने के आदेश दे दिए हैं।
और गुजरात सरकार ने अपने आकाओं को खुश करने के लिए एक कदम आगे बढ़ते हुए बढ़े हुए चार घंटों में ओवर टाइम देने की बाध्यता को भी समाप्त कर दिया है। श्रम कानूनों के इस मनमाने बदलाव के विरुद्ध के सभी प्रमुख श्रम संगठनों ने आज अपने अपने क्षेत्र में शांतिपूर्वक सोशल डिस्टेंसिंग के साथ विरोध जताया।
बचेली - इंटक यूनियन ने श्रम कानूनों में बदलाव को लेकर जताया विरोध
गांधी जी की प्रतिमा के सामने खड़े होकर मजदूर विरोधी बदलाव का किया विरोध,कहा बदलाव मजदुरो के हित मे नही।
बचेली - मेटल माइंस वर्कर्स यूनियन ने श्रम कानूनों में कई प्रदेशों में मनमाने बदलाव का विरोध जताते हुए शांति पूर्ण तरीके से आज इसका विरोध जताया। इसी कड़ी में बचेली यूनियन के सदस्यो ने गांधी जी की प्रतिमा के सामने खड़े होकर इस मजदूर विरोधी बदलाव का विरोध किया।
उत्तरप्रदेश सरकार ने उद्योगों को तीन साल तक सभी श्रम कानूनों से छूट दे दी है.. वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने एक हजार दिन तक के लिए कुछ कानूनों से छूट देने के साथ ही कुछ कानूनों में बदलाव कर दिया है। गुजरात , हरियाणा, हिमाचल , उत्तराखंड, पंजाब आदि सरकारों ने कार्य के घंटों को 8 से बढ़कर 12 करने के आदेश दे दिए हैं।
और गुजरात सरकार ने अपने आकाओं को खुश करने के लिए एक कदम आगे बढ़ते हुए बढ़े हुए चार घंटों में ओवर टाइम देने की बाध्यता को भी समाप्त कर दिया है। श्रम कानूनों के इस मनमाने बदलाव के विरुद्ध के सभी प्रमुख श्रम संगठनों ने आज अपने अपने क्षेत्र में शांतिपूर्वक सोशल डिस्टेंसिंग के साथ विरोध जताया।
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