Dm सोनी संवाददाता निष्पक्ष मीडिया जंक्शन बचेली
बचेली ब्राम्हण समाज ने मनाई भगवान परशुराम जयंती।
बचेली मुख्य मार्ग स्थित श्री हनुमान मंदिर में सर्व ब्राहमण समाज द्वारा अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर भगवान "श्री परशुराम जी " का प्राकट्य दिवस पर्व बड़े ही धूम धाम से मनाया गया । सुबह से मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा । सभी श्रधालुओ के नाम और गोत्र से पूजा का संकल्प करा कर पूजा सम्पन्न किया गया । मध्यान 12:00 बजे पर " हवन " किया गया, पुर्णाहुती के पश्चात " महा आरती " की गई ।
हर साल अक्षय तृतीया के दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार परशुराम कोई और नहीं बल्कि भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं. पौराणिक कथाओं में परशुराम के गुस्से को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं. कहा जाता है कि एक बार परशुराम ने क्रोध में आकर भगवान गणेश का एक दांत तोड़ दिया था. इसके अलावा भी कई ऐसी घटनाएं हैं जिनमें परशुराम के क्रोध की कहानियां मिलती हैं. कहा जाता है कि इनके क्रोध से सभी देवी-देवता भयभीत रहा करते थे।
आपको बता दे कि बचेली में यह आयोजन का प्रथम वर्ष है इससे पूर्व किरंन्दुल बचेली ब्राम्हण समाज संयुक्त रूप से इसे किरंन्दुल में मनाता आया है। सभी नगर वासियो के सुखमय जीवन के लिए श्री परशुराम जी से प्रार्थना कर भंडारा में "खीर प्रसाद "का वितरण किया । इस वर्ष उक्त पूजा कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त ब्राहमण बंधुओं का भरपूर सहयोग मिला।
बचेली ब्राम्हण समाज ने मनाई भगवान परशुराम जयंती।
बचेली मुख्य मार्ग स्थित श्री हनुमान मंदिर में सर्व ब्राहमण समाज द्वारा अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर भगवान "श्री परशुराम जी " का प्राकट्य दिवस पर्व बड़े ही धूम धाम से मनाया गया । सुबह से मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा । सभी श्रधालुओ के नाम और गोत्र से पूजा का संकल्प करा कर पूजा सम्पन्न किया गया । मध्यान 12:00 बजे पर " हवन " किया गया, पुर्णाहुती के पश्चात " महा आरती " की गई ।
हर साल अक्षय तृतीया के दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार परशुराम कोई और नहीं बल्कि भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं. पौराणिक कथाओं में परशुराम के गुस्से को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं. कहा जाता है कि एक बार परशुराम ने क्रोध में आकर भगवान गणेश का एक दांत तोड़ दिया था. इसके अलावा भी कई ऐसी घटनाएं हैं जिनमें परशुराम के क्रोध की कहानियां मिलती हैं. कहा जाता है कि इनके क्रोध से सभी देवी-देवता भयभीत रहा करते थे।
आपको बता दे कि बचेली में यह आयोजन का प्रथम वर्ष है इससे पूर्व किरंन्दुल बचेली ब्राम्हण समाज संयुक्त रूप से इसे किरंन्दुल में मनाता आया है। सभी नगर वासियो के सुखमय जीवन के लिए श्री परशुराम जी से प्रार्थना कर भंडारा में "खीर प्रसाद "का वितरण किया । इस वर्ष उक्त पूजा कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त ब्राहमण बंधुओं का भरपूर सहयोग मिला।
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