बचेली आईपीएल में लग रहा लाखो का दांव पुलिस के हाँथ खाली - dm सोनी संवाददाता बचेली

बचेली  आईपीएल शुरू होते ही सट्टा बाजार में हलचल शुरू हो जाती है। बचेली में भी सट्टा बाजार अपने पैर पूरी तरह पसार चुका है युवा वर्ग इसमे ज्यादा दिलचस्पी दिखाते है। रोज़ाना लाखो का दांव लगाया जाता है कई तो जीतकर खुश होते है कई हार से मायूस हो जाते है। अभी तक कई लोग बर्बादी की कगार में पहुंच चुके है। पिछले कुछ वर्षों से सट्टा कारोबार में जबरदस्त इजाफा हुआ है। बचेली में कुछ नामी गिरामी रसूखदार हस्तियां इसमे शामिल है ये सफेद पोश लोग पीछे रहकर अपने दलालो को सक्रिय करके ये काम करवाते है। कई पान ठेलो में छोटी दुकानों में होटलो में इनके दलाल सक्रिय रहते है। पुलिस इनके सामने असहाय नज़र आती है पुलिस की पंहुच से दूर ये अपने काम को बखूबी अंजाम देते है। खास बात है कि यह पूरा नेटवर्क अत्याधुनिक संचार प्रणाली लेपटॉप,मोबाइल,वाइस रिकॉर्डर, आदि पर ही चलता है। सावधानी इतनी बरती जाती है कि एक बार कोई मोबाइल नंबर इस्तेमाल हो गया हो तो उसे दोबारा इस्तेमाल नही किया जाता ये अपना काम इतनी सफाई से करते है कि फंसने का कोई सवाल ही नही है। इन सब हथकंडों से पुलिस से बचकर ये अपना काम करते है। इनसब के बीच पुलिस की स्थिति पे सवाल उठना लाज़मी हो जाता है। 

 आईपीएल का सट्टा बाजार किस तरह काम करता है।  यू तो भारत मे चुनाव रिजल्ट से लेकर मौसम तक हर किसी पर सट्‌टा लगता है, हमने बचेली के एक पूर्व सटोरिये से जानकारी ली उसने नाम नही बताने की शर्त पर हमें पूरी जानकारी दी है। 

आईये आपको सट्टे की दुनिया के सच से रूबरू करवाते है। आईपीएल में इस तरह लगता है सट्टा‘सेशन एक पैसे का है’, ‘मैने चव्वनी खा ली है’, ‘डिब्बे की आवाज कितनी है’, ‘तेरे पास कितने लाइन है’, ‘आज फेवरिट कौन है’, ‘लाइन को लंबी पारी चाहिए’... कहने को ये सिर्फ चंद ऊटपंटाग शब्द लगें, लेकिन इनके बोलने में करोड़ों का लेनदेन हो रहा है।बात हो रही है आईपीएल पर सट्टे बाजार की। पूरे देश में इन दिनों करोड़ों का सट्टा लग रहा है। इस खेल की भाषा भी अजीबो गरीब है। सट्टा लगाने वाले व्यक्ति को लाइन कहा जाता है, जो एजेंट यानी पंटर के माध्यम से बुकी (डिब्बे) तक संपर्क करता है। एजेंट को एडवांस देकर अकाउंट खुलवाना पड़ता है, जिसकी एक लिमिट होती है। सट्टे के भाव को डिब्बे की आवाज बोला जाता है। आईपीएल क्रिकेट में सट्टेबाज 20 ओवर को लंबी पारी, दस ओवर को सेशन और छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं। मैच की पहली गेंद से लेकर टीम के जीत तक भाव चढ़ते उतरते हैं। एक लाख को एक पैसा, 50 हजार को अठन्नी, 25 हजार को चवन्नी कहा जाता है। यदि किसी ने दांव लगा दिया और वह कम करना चाहता है तो फोन कर एजेंट को ‘मैंने चवन्नी खा ली’ कहना होता है। दो टीमो में से जो टीम ज्यादा मजबूत होती है वो फेवरेट होती है। आजकल ऑनलाइन या एंड्रॉयड एप से इसकी जानकारी ली जा सकती है की किस टीम का क्या भाव है। 

कैसे मिलता है रेट ? 

डिब्बे पर किसी टीम को फेवरेट मानकर डिब्बा उसका रेट 80- 83 आता है तो इसका मतलब यह है की फेवरेट टीम पर 80 लगाओगे तो 1 लाख रुपये मिलेंगे और दूरी टीम पर 83 लगाओगे तो 1 लाख रुपये मिलेंगे।

सट्टे की भाषा

बुकी------------------डिब्बा 

एजेंट-----------------पंटर 

क्लाइंट---------------लाइन 

एक लाख------------एक पैसा 

सवा लाख------------सवा पैसा 

25 हजार-----------  क्वाटर

50 हजार------------ हाफ

भाव------------------ डिब्बे की आवाज 

20 ओवर------------ लंबी पारी 

1से 6 ----------------------ओवर पहला सेसन

7 स3 10 ओवर------------- दूसरा सेशन 

छह ओवर------------ छोटी पारी 

शर्त कम करना------- खा जाना

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