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लौह नगरी में मनी बैसाखी गुरुद्वारे में किया गया लंगर 






बचेली नगर में बैसाखी पर्व बड़े ही धूम धाम से मनाया गया बचेली स्थित  गुरुद्वारे में सुबह से ही विशेष पाठ किया गया एवं उसके बाद  लंगर की व्यवस्था भी की गई जिसमें नगर के लोगो ने भारी संख्या में लंगर का प्रसाद ग्रहण किया ज्ञात हो की पंजाब  और हरियाणा के अलावा उत्तर भारत में भी बैसाखी के पर्व की बड़ी मान्‍यता है. देश के दूसरे हिस्‍सों में भी बैसाखी को अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. बैसाखी एक कृषि पर्व है. पंजाब में जब रबी की फसल पककर तैयार हो जाती है जब बैसाखी मनाई जाती है. वहीं, असम में भी इस दौरान किसान फसल काटकर निश्चिंत हो जाते हैं और त्‍योहान मनाते हैं. असम में इस त्‍योहार को बिहू कहा जाता है. वहीं, बंगाल में भी इसे पोइला बैसाख कहते हैं. पोइला बैसाख बंगालियों का नया साल है. केरल में यह त्‍योहार विशु कहलाता है.  बैसाखी के दिन ही सूर्य मेष राशि में संक्रमण करता है इसलिए इसे मेष संक्रांति भी कहते हैं बैसाखी के दिन ही 1669 में सिखों के दसवें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्‍थापना की थी अंगरेजी कैलेंडर के अनुसार हर साल अप्रैल में बैसाखी मनाई जाती है. इस बार यह बैसाखी  14 अप्रैल मनाई गयी है 

dm सोनी दबंग दुनिया रिपोर्टर बचेली 

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