बचेली :- नगरनार स्टील प्लांट निजीकरण के विरोध में इंटक एवं एस.के.एम.एस मजदूर संगठन हुए लामबंद।
केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों एवं चुनिंदा पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का किया विरोध,जमकर की नारेबाजी।
मोदी सरकार की कथनी और करनी में बड़ा फर्क,आंखों से काजल चुराने वाली सरकार :- आशीष यादव महासचिव ( इंटक )
बचेली :- नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में आज एनएमडीसी चेक पोस्ट के सामने दोनो मजदूर संगठन एस.के.एम एस ( एटक ) एवं एम.एम.डब्लू.यू ( इंटक ) के सदस्यों ने रास्ता रोककर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। उपस्थित लोगों ने केंद्र सरकार एवं एनएमडीसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आपको बता दे कि नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण का समूचे बस्तर में विरोध किया जा रहा है। दोनो मजदूर यूनियन के सचिव शंकर राव एवं आशीष यादव ने केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए बताया की मोदी सरकार की कथनी और करनी में फर्क दिखाई पड़ता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की मोदी ने कहा था कि मैं देश नही बिकने दूंगा। अब यही मोदी सरकार कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने में पब्लिक सेक्टर को बेच रही है जो कि इनके शाशन काल मे नही बने है।
ये पब्लिक सेक्टर जवाहरलाल नेहरू जी एवं इंदिरा गांधी जी के साशन काल मे निर्मित किये गए थे। इस केंद्र सरकार ने अभी तक बेरोजगारों के लिए किसी भी प्रकार के रोजगार हेतु कोई कार्य नही किये है। साथ ही मजदूर विरोधी कानून बनाकर मजदूरों के साथ भी अन्याय कर रही है। एनएमडीसी के नगरनार में निर्माणाधीन स्टील प्लांट का डीमर्जर एवं निजीकरण का फैसला कही भी बस्तर वासियो के लिए हित मे नही है। इसके विरोध में राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,बस्तर सांसद दीपक बैज जगदलपुर विधायक रेखचन्द जैन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है।
आपको बता दे कि एनएमडीसी लिमिटेड के निदेशक मंडल ने नगरनार में निर्माणाधीन 30 लाख टन सालाना क्षमता वाले इस स्टील प्लांट के कारोबार को अलग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कम्पनी के निदेशक मंडल ने 27 अगस्त 2020 को आयोजित बैठक में एनएमडीसी लोह एवं इस्पात संयंत्र नगरनार के स्टील प्लांट को अलग करने की सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी थी।
जिसके बाद इस फैसले का समूचे बस्तर में विरोध जारी है। दोनो मजदूर संगठन के पदाधिकारियों ने ज़ूम मीटिंग के माध्यम से आगे की रणनीति तैयार करने की बात कही एवं यदि इस फैसले को वापस नही लिया गया तो उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
नगरनार स्टील प्लांट सहित बस्तर के किसी भी सेक्टर कोनकिसी भी सूरत में निजी हांथो में ना दिए जाने को लेकर सभी मजदूर संगठन एक है एवं मांगे ना मानी गयी तो इसके लिए उग्र आंदोलन भी किया जाएगा।
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