बचेली - शिखर बाल विद्या मंदिर द्वारा छात्रो की स्कूल फीस लेकर सरकारी आदेश की अवहेलना करने का मामला। dm soni bacheli

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बचेली -  शिखर बाल विद्या मंदिर द्वारा छात्रो की स्कूल फीस लेकर सरकारी आदेश की अवहेलना करने का मामला। 

तहसीलदार द्वारा स्कूल प्राचार्य सहित दुकानदार को कारण बताओ नोटिस जारी। 


बचेली - कोरोना संक्रमण के चलते राज्य सरकार के द्वारा जहां स्कूलों को बंद कर ऑनलाइन शिक्षा के जरिये पढ़ाई तुहर दुआर से घर बैठे बच्चो को शिक्षा दी जा रही है। एवं इस कोरोना काल मे फीस आदि लेने पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया है। वहीं बचेली एनएमडीसी द्वारा संचालित बालशिखर विद्या मंदिर में सरकारी आदेश की अवहेलना कर शिक्षा का व्यवसायीकरण करने का मामला उजागर हुआ है । दरसअल स्कूल प्रबंधन द्वारा बीते दिनों स्थानीय दुकानदार से मदद लेने के बहाने स्कूल की पुस्तकें जो कि एलकेजी एवं यूकेजी की है, जिसे अलग अलग किट तैयार की हुई नगर के प्रतिष्ठित दंतेश्वरी बुक डिपो के माध्यम से ये कहकर परिजनों को वितरण करवाया गया कि कोरोना संकट में स्कूल के माध्यम से वितरण सम्भव नही है। 


स्कूल प्राचार्या ने एनएमडीसी कार्मिक विभाग एवं तहसीलदार के द्वारा अनुमति का हवाला दिया एवं दुकानदार से अनुरोध किया कि दुकान के माध्यम से ये किट वितरण कर स्कूल की सहायता करे। स्वभाव से सरल दुकान संचालक कपिल दुग्गड़ ने मदद हेतु स्वीकृति दे दी परंतु उसे क्या पता था की स्कूल प्रबंधन मदद की आड़ में छात्रों के परिजनों की जेब मे डाका डाल रहा है। कपिल को स्कूल प्रबंधन के द्वारा छात्रों की सूची देकर एलकेजी किट के 4200 रुपये एवं यूकेजी किट के 4400 लेने परिजनों से कहा गया। जबकि किट पर 1340 एमआरपी अंकित है। दुकानदार ने किट देकर पैसे स्कूल प्रबंधन को दे भी दिए। स्कूल प्रबंधन द्वारा परिजनों को किसी भी प्रकार की रसीद नही दी जानी कही ना कही बड़ी गड़बड़ी की ओर इशारा कर रही थी। जब स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से इस बात का खुलासा हुआ तो तहसीलदार पीआर पात्रे ने फौरन ही कारण बताओ नोटिस जारी कर स्कूल प्राचार्य एवं दुकानदार को तलब किया है। तहसीलदार ने जारी नोटिस में कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा  कोविड 19 समस्या के दौरान आगामी आदेश तक पूर्ण रूप से विद्यार्थियों की स्कूल फीस ना लेने सख्त निर्देश दिए गए थे बावजूद इसके बाल शिखर विद्या मंदिर स्कूल द्वारा नियमो का उलंघन करते हुए दुकान के माध्यम से पुस्तके उपलब्ध कराकर पुस्तको के मूल्यों सहित स्कूल फीस भी वसूली गयी है। नोटिस प्राप्ति के 24 घण्टो के भीतर जवाब प्रस्तुत करे। दोनो जारी नोटिस में जवाब प्रस्तुत नहीं किये जाने की स्थिति में स्कूल प्रबंधन एवं दुकानदार के विरुद्ध भादवी 1860 की धारा 188 एवं छग एपेडेमिक अधिनियम 1897 में निहित निहित धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर एक पक्षीय कार्यवाही की चेतावनी दी गयी है।

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