डीएम सोनी / बचेली :- क्या हम इस लड़ाई में कर रहे प्रशासन का सहयोग। dm soni bacheli

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बचेली :- क्या हम इस लड़ाई में कर रहे प्रशासन का सहयोग ?

क्या ऐसे हम हरा पाएंगे कोरोना को ? 

जिले में 12 जून तक कुल 51 कोरोना पॉजिटिव मामले प्रकाश में आये है। 



बचेली दंतेवाड़ा - जिले में कोरोना वॉयरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रशासन-पुलिस की तैयारियां चुस्त-दुरुस्त हैं। लॉकडाउन में पाबंदियों के साथ छूट दी गई हैं लेकिन आमजन ही इन पाबंदियों को बिसार रहे हैं। बाजारों में 16 घंटे की छूट के बावजूद भी लोग भीड़ तो  जुटा ही रहे हैं, बल्कि मास्क आदि का इस्तेमाल करने में गुरेज कर प्रशासनिक व्यवस्थाओं और पुलिस की मेहनत को जाया कर रहे हैं। आपको बता दे कि जिले में 12 जून तक कुल 51 कोरोना का पाजीटिव प्रकरण है।



 इनमें से 27 डिस्चार्ज हो चुके है एवं 24 अभी भी सक्रिय है। जिले में 12 जून तक 2345 लोगो का आरटीपीसीआर टेस्ट लेकर नमूना मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। जिले के आज तक के आंकड़ो के हिसाब से अभी तक कुल 2345 लोगो के आरटीपीसीआर टेस्ट  हो चुके है। जिनमे  से 2062 लोग निगेटिव आये है वही 3 के सेम्पल रिजेक्ट हुए है। 233 लोगो की रिपोर्ट अभी भी  पेंडिंग है। आपको बता दे कि सबसे ज्यादा आरटीपीसीआर सेम्पल बचेली अपोलों अस्पताल के द्वारा लिया जा रहा है। एनएमडीसी अपोलों अस्पताल को भारत सरकार ने कोविड अस्पताल की श्रेणी में रखा है।



बाहर से आने वाले लोगों को घर और आश्रय गृहों में रखकर कोरोना संक्रमण से बचाव के समुचित प्रबंध किए जा रहे हैं। संक्रमण की रोकथाम के लिए आमजन के बीच दूरियां बनाए रखने की ऐहतियात दी जा रही है लेकिन नगर में एक दिन में 16 घंटे खरीददारी की छूट देने के बावजूद लोग नियमों का मखौल उड़ाते नजर आते हैं। बुधवार साप्ताहिक बाजार के दिन लोग सुबह से ही दुकानें में खरीददारी के लिए भीड़ जुटाते नजर आए। 



जबकि जिले में अन्य नगरों में ये छूट सिर्फ 9 घण्टो की है। शहर सहित अंचल में बैंक, हेल्प सेंटरों, राशन और किराना दुकानों में यह दूरियां दिखाई नहीं देती हैं। नगर के मुख्य सब्जी बाजार की हालत बद से बदतर है। सड़को पर दुकाने लगाने की वजह से मुख्य बाजार में बिना वजह भीड़ जमा होती है। एनएमडीसी के द्वारा शेड का निर्माण किया गया है परंतु वो शेड शराबियों के सोने का अड्डा बना हुआ है। 



एनएमडीसी प्रबंधन के उदासीन रवैये एवं वार्ड पार्षद की निष्क्रियता की वजह से आज तक सब्जी बाजार व्यवस्थित नही हो पाया। जहां तक नजर जाती है झिल्लियां रस्सियां ही नजर आती है। नगरपालिका भी एनएमडीसी का इलाका है कहकर अपना पल्ला झाड़ रही है। आपसी सामंजस्य की कमी की भेंट चढ़ रहा ये सब्जी बाजार इस महामारी के बीच कही बड़े खतरे में तब्दील ना हो जाये लेकिन इसकी परवाह किसे आखिर कब व्यवस्थित होगा ये सब्जी बाजार अपने आप मे बहुत बड़ा प्रश्न है।

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