Nishpaksh media Junction bacheli खबर वही जो हो सही dm सोनी
बचेली- युवा आ रहे नशे की गिरफ्त में ,खुलेआम बिक रही नशीली दवाएं।
सम्बंधित विभाग के अधिकारी जानकारी नही होने की बात कह झाड़ रहे पल्ला।
बचेली लौह नगरी में नशीली दवाओं का धंधा इस समय जोरों पर है। पड़ोसी राज्यों से लेकर दूर-दराज के इलाकों से नशीली वस्तुओं एवं दवाओं की तस्करी करने वाले माफियाओं की इस व्यापार मे अच्छी खासी कमाई हो रही है। ऐसे में बचेली में बिक रही नशीली दवाओं सहित अन्य नशीली वस्तुओं का क्षेत्र के युवा भारी मात्रा में सेवन कर रहे हैं। ऐसा नही है कि इसकी रोकथाम के लिए बने विभागों को इसकी जानकारी न हो लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है।
आप को बता दे की बचेली का एक बड़ा युवा वर्ग इसकी चपेट में है। नशे की गोलियां जैसे टेन, एससी,अल्फा, एलपरेक्स,कॉम्पोज, वेलियम प्राकसम, विभिन्न खांसी की दवाइयां बेनाड्रिल,कोरेक्स व अन्य एलोपेथीक दवाएं आदि आसानी से उपलब्ध हो रही है। जिन्हें असंतुलित मात्रा में ग्रहण कर युवा मस्त हो जाते है। जिससे इनका तनाव कम होता है और चिंता आदि से मुक्ति मिल जाती है। बाद में यही आदत का रूप ले लेती है। इसके अलावा नशे के पदार्थो में ,गांजा, चरस इत्यादि का प्रचलन खूब बढ़ा है।
बचेली में कई जगहों में एजेंट है जो अपने ग्राहकों को ये नशीले पदार्थ उपलब्ध कराते है। जो की स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद खतरनाक है। नशे से सैकड़ो जिंदगियां बर्बाद हो रही है नशे की लत की वजह से सड़क हादसों में भी भारी वृद्धि देखी जा रही है अपराध में भी बढ़ोतरी हो रही है। ऐसा नही है कि अभिभावकों को इसकी खबर नही है ज्यादातर अभिभावक लोक लाज के डर से इस बात की चर्चा करने से कतराते है।
बचेली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर जनार्दन रेड्डी द्वारा दिये गए बयान को देखिए इस वीडियो के माध्यम से।
पकड़े जाने के डर से शराब से किनारा कर रहे युवा दवाइयों का ले रहे सहारा।
एक तरफ युवा पीढ़ी का भविष्य खतरे में है दूसरी तरफ पुलिस प्रसाशन को इसे खत्म करने का कोई दमदार रास्ता नजर नही आ रहा है। अगर युवा पीढ़ी नशे के जाल में यूँ ही उलझती गयी और नशे के कारोबार पे जल्द ही अंकुश नही लगाया गया तो निश्चित यह बीमारी क्षेत्र के युवाओं को खोखला कर देगी।
नशा आसानी से उपलब्ध है…
दवा की दुकानों में बिना डॉक्टर की पर्ची दिखाये दवाइयां उपलब्ध नही हो पाती है। इसका फायदा कुछ स्थानीय एजेंट उठा रहे है। क्योंकि नशेड़ी बेचैनी की स्थिति में दवा के रेट पर बहस नहीं करता बल्कि उपलब्धता की जल्दी में रहता है।
यह है नियम
कोई भी दवा चिकित्सक की पर्ची के बिना नहीं बेची जा सकती। वहीं नींद व दर्द में काम आने वाली दवाओं का पूरा रिकॉर्ड दवा विक्रेताओं को रखना पड़ता है। चिकित्सक की पर्ची की फोटो कॉपी रखनी होती है। इसके बाद ही दवा दी जा सकती है परंतु जानकारी के मुताबिक बचेली के कुछ मेडिकल स्टोर बिना चिकित्सीय परामर्श के दवाइया दे रहे है जो नियम विरुद्ध है।
नशेडिय़ों में कौन-से लक्षण उभरते हैं…
नशा करने वाले में कुछ असामान्य लक्षण सामने आते हैं जैसे चिड़चिड़ाना, हकलाना, लोगों में अरूचि उत्पन्न होना, अध्ययन के प्रति विरक्ति, याददाश्त कमजोर होना, बात बात पर क्रोधित होना, रक्तचाप में असामान्य वृद्धि, अंगों का कंपकंपाना, नशा न लेने की स्थिति में बेचैनी बढऩा, हिंसात्मक व्यवहार, बहकी-बहकी बातें करना, नजरों के कमजोर होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
बचेली- युवा आ रहे नशे की गिरफ्त में ,खुलेआम बिक रही नशीली दवाएं।
सम्बंधित विभाग के अधिकारी जानकारी नही होने की बात कह झाड़ रहे पल्ला।
बचेली लौह नगरी में नशीली दवाओं का धंधा इस समय जोरों पर है। पड़ोसी राज्यों से लेकर दूर-दराज के इलाकों से नशीली वस्तुओं एवं दवाओं की तस्करी करने वाले माफियाओं की इस व्यापार मे अच्छी खासी कमाई हो रही है। ऐसे में बचेली में बिक रही नशीली दवाओं सहित अन्य नशीली वस्तुओं का क्षेत्र के युवा भारी मात्रा में सेवन कर रहे हैं। ऐसा नही है कि इसकी रोकथाम के लिए बने विभागों को इसकी जानकारी न हो लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है।
बचेली में कई जगहों में एजेंट है जो अपने ग्राहकों को ये नशीले पदार्थ उपलब्ध कराते है। जो की स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद खतरनाक है। नशे से सैकड़ो जिंदगियां बर्बाद हो रही है नशे की लत की वजह से सड़क हादसों में भी भारी वृद्धि देखी जा रही है अपराध में भी बढ़ोतरी हो रही है। ऐसा नही है कि अभिभावकों को इसकी खबर नही है ज्यादातर अभिभावक लोक लाज के डर से इस बात की चर्चा करने से कतराते है।
बचेली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर जनार्दन रेड्डी द्वारा दिये गए बयान को देखिए इस वीडियो के माध्यम से।
पकड़े जाने के डर से शराब से किनारा कर रहे युवा दवाइयों का ले रहे सहारा।
एक तरफ युवा पीढ़ी का भविष्य खतरे में है दूसरी तरफ पुलिस प्रसाशन को इसे खत्म करने का कोई दमदार रास्ता नजर नही आ रहा है। अगर युवा पीढ़ी नशे के जाल में यूँ ही उलझती गयी और नशे के कारोबार पे जल्द ही अंकुश नही लगाया गया तो निश्चित यह बीमारी क्षेत्र के युवाओं को खोखला कर देगी।
नशा आसानी से उपलब्ध है…
दवा की दुकानों में बिना डॉक्टर की पर्ची दिखाये दवाइयां उपलब्ध नही हो पाती है। इसका फायदा कुछ स्थानीय एजेंट उठा रहे है। क्योंकि नशेड़ी बेचैनी की स्थिति में दवा के रेट पर बहस नहीं करता बल्कि उपलब्धता की जल्दी में रहता है।
यह है नियम
कोई भी दवा चिकित्सक की पर्ची के बिना नहीं बेची जा सकती। वहीं नींद व दर्द में काम आने वाली दवाओं का पूरा रिकॉर्ड दवा विक्रेताओं को रखना पड़ता है। चिकित्सक की पर्ची की फोटो कॉपी रखनी होती है। इसके बाद ही दवा दी जा सकती है परंतु जानकारी के मुताबिक बचेली के कुछ मेडिकल स्टोर बिना चिकित्सीय परामर्श के दवाइया दे रहे है जो नियम विरुद्ध है।
नशेडिय़ों में कौन-से लक्षण उभरते हैं…
नशा करने वाले में कुछ असामान्य लक्षण सामने आते हैं जैसे चिड़चिड़ाना, हकलाना, लोगों में अरूचि उत्पन्न होना, अध्ययन के प्रति विरक्ति, याददाश्त कमजोर होना, बात बात पर क्रोधित होना, रक्तचाप में असामान्य वृद्धि, अंगों का कंपकंपाना, नशा न लेने की स्थिति में बेचैनी बढऩा, हिंसात्मक व्यवहार, बहकी-बहकी बातें करना, नजरों के कमजोर होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
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