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बचेली ,किरंदुल वन, जल संरक्षण समिति के द्वारा सारागढ़ी दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया गया।
बचेली किरंदुल वन, जल, संरक्षक समिति के द्वारा सारागढ़ी दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया गया। बड़ी संख्या मे क्षेत्र के पत्रकार बंधू सम्मलित हुए! आपको बता दे कि समिति के द्वारा छब्बीस जुलाई को विजय दिवस के अवसर पर इस वॄहद वृक्षारोपण अभियान आमोद अरण्य(आंनद वन) की शुरुआत की गई थी! इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए आज ऐतिहासिक सारागढ़ी दिवस पर उन वीर शहीदो को याद कर पौधे रोपे गये!
बारह सितंबर सन अठारह सौ सन्तानबे को सारागढ़ी किले पर कब्जे को लेकर हवलदार इशर सिंह और उनके इक्कीस साथी दस हजार अफगान लड़ाको से लड़ते हुए शहीद हुए थे! इस लड़ाई को दुनिया के सबसे मुश्किल लड़ाई के साथ साथ ये दुनिया की एक बेहतरीन सैन्य रणनीति के रूप मे जानी जाती है!
इस दौरान समिति के अध्यक्ष, संदीप दीक्षित, उपाध्यक्ष सुमित सरकार, सचिव अमलेंदु चक्रवर्ती, सह सचिव अशोक पाल नंदी ने बातचीत मे बताया कि हमने विजय दिवस पर इस कार्यक्रम आमोद अरण्य (आंनद वन) की शुरुआत की गई थी! जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को जन मानस के साथ जोड़ना है! इसलिये हमने सभी आमजनो से निवेदन किया है कि हमारे राष्ट्रीय,धार्मिक पर्वो ऐतिहासिक दिवसो के साथ साथ वो व्यक्तिगत विशिष्ट तिथियो पर वृक्षारोपण जरूर करे! इस कदम से आमजनो का भावनात्मक रूप से जुड़ाव होगा जो पर्यावरण संरक्षण मे सहायक सिद्ध होगा!
इस अवसर श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष आजाद सक्सेना,मुख्य अतिथि थे वरिष्ठ पत्रकार श्री राम कृष्ण बैरागी, रवि दुर्गा,रविनद्र सोनी,अनिल भदौरिया,शाहनवाज़ खान,एस एच अज़हर सहित पत्रकार गण उपस्थित थे!
बचेली ,किरंदुल वन, जल संरक्षण समिति के द्वारा सारागढ़ी दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया गया।
बचेली किरंदुल वन, जल, संरक्षक समिति के द्वारा सारागढ़ी दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया गया। बड़ी संख्या मे क्षेत्र के पत्रकार बंधू सम्मलित हुए! आपको बता दे कि समिति के द्वारा छब्बीस जुलाई को विजय दिवस के अवसर पर इस वॄहद वृक्षारोपण अभियान आमोद अरण्य(आंनद वन) की शुरुआत की गई थी! इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए आज ऐतिहासिक सारागढ़ी दिवस पर उन वीर शहीदो को याद कर पौधे रोपे गये!
बारह सितंबर सन अठारह सौ सन्तानबे को सारागढ़ी किले पर कब्जे को लेकर हवलदार इशर सिंह और उनके इक्कीस साथी दस हजार अफगान लड़ाको से लड़ते हुए शहीद हुए थे! इस लड़ाई को दुनिया के सबसे मुश्किल लड़ाई के साथ साथ ये दुनिया की एक बेहतरीन सैन्य रणनीति के रूप मे जानी जाती है!
इस दौरान समिति के अध्यक्ष, संदीप दीक्षित, उपाध्यक्ष सुमित सरकार, सचिव अमलेंदु चक्रवर्ती, सह सचिव अशोक पाल नंदी ने बातचीत मे बताया कि हमने विजय दिवस पर इस कार्यक्रम आमोद अरण्य (आंनद वन) की शुरुआत की गई थी! जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को जन मानस के साथ जोड़ना है! इसलिये हमने सभी आमजनो से निवेदन किया है कि हमारे राष्ट्रीय,धार्मिक पर्वो ऐतिहासिक दिवसो के साथ साथ वो व्यक्तिगत विशिष्ट तिथियो पर वृक्षारोपण जरूर करे! इस कदम से आमजनो का भावनात्मक रूप से जुड़ाव होगा जो पर्यावरण संरक्षण मे सहायक सिद्ध होगा!
इस अवसर श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष आजाद सक्सेना,मुख्य अतिथि थे वरिष्ठ पत्रकार श्री राम कृष्ण बैरागी, रवि दुर्गा,रविनद्र सोनी,अनिल भदौरिया,शाहनवाज़ खान,एस एच अज़हर सहित पत्रकार गण उपस्थित थे!
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