Dm सोनी संवाददाता निष्पक्ष मीडिया जंक्शन बचेली - ख़बर वही जो हो सही
बचेली क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग का मामला आया सामने खाते से पार हुए 10000 रुपये
बचेली क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग का मामला आया सामने खाते से पार हुए 10000 रुपये
बचेली पहली बार आये क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग के मामले में पुलिस विभाग भी सकते में है। मामला बचेली का है जब बचेली के ही एनएमडीसी कर्मचारी नवीन को मैसेज आया की आपके क्रेडिट कार्ड के खाते से 10000 रुपये निकाले गए है। नवीन को उस वक्त कुछ समझ नही आया दूसरे दिन स्टेट बैंक जाकर उसने अपनी आपबीती सुनाई फिर स्टेट बैंक की मदद से कस्टमर केयर को फोन लगाकर क्रेडिट कार्ड लॉक करवाया एवं बैंक से सारी डिटेल निकालने के बाद मामले का पता लगा कि पैसे दिल्ली के किसी चंदननगर के एटीएम से निकाले गए है। दरअसल नवीन कुछ माह पूर्व दिल्ली अपने परिवार के साथ घूमने गया था। इसी दौरान उसने कई जगह अपना कार्ड इस्तेमाल किया था। इनमे से किसी एक जगह से कार्ड क्लोन किया गया है। नवीन ने पुलिस थाना बचेली में लिखित सूचना दी है। थाना प्रभारी शील आदित्य सिंह ने बताया की जांच चल रही है। क्रेडिट कार्ड विभाग से सम्पर्क किया जा रहा है। इस तरह के मामले अक्सर बड़े शहरों में देखने को मिलते है। बचेली में इस तरह का ये पहला मामला है। जांच की जा रही है।
डेबिट , क्रेडिट कार्ड की क्लोनिंग
साइबर ठग बहुत ही खुफिया तरीके से एटीएम अौर क्रेडिट कार्ड का क्लोन करते हैं। इसके लिए वह स्कीमर मशीन का इस्तेमाल करते हैं। स्कीमर मशीन में कार्ड के स्वाइप करते ही आपके कार्ड की सारी डिटेल इस मशीन में काॅपी हो जाती है। इसके बाद आरोपी कंप्यूटर व अन्य तरीकों इस डेटा को एक खाली कार्ड में डालकर क्लोन तैयार करते हैं। ठग इसी क्लोन का इस्तेमाल कर दूर दराज के इलाकों से आपके खाते से लाखों रुपये निकालने का काम करते हैं। शहर में ठग लाखों रुपये की ठगी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं।
एटीएम मशीन में फिक्स कर देते हैं मशीन
इसी तरह ठग कर्इ एटीएम मशीनों में एक कीट लगाते हैं। इसमें कीपेड पर एक मेट के तरीके का उपकरण, स्वाइप की जगह काॅपी मशीन आैर पासवर्ड को देखने के लिए एक बटन जैसा कैमरा लगाया जाता है। यह कैमरा आपके पासवर्ड आैर स्वाइप की जगह लगी। मशीन आपके डेटा को सेव करती है। इस मशीन में जितने भी एटीएम स्वाइप होते है। उनका डेटा इस डिवाइस में चला जाता है। इसे मौका पाकर ठग निकाल लेते हैं। जिसके बाद उसी प्रकि्रया के तहत कार्ड का क्लाेन तैयार कर पीड़ित की जेब में उसका कार्ड होने के बाद भी क्लोन के जरिये खाते से रुपये निकाल लेते हैं।
ये बरतें सावधानियां तो हो सकता है बचाव
- उपभोक्ता उस एटीएम से पैसे कभी न निकाले जहां पर गार्ड तैनात न हो।
- अपना एटीएम वह स्वयं ही प्रयोग करें किसी और को इस्तेमाल के लिए न दें।
- एटीएम केबिन में यदि कोई और है तो उसके बाहर निकलने पर ही मशीन का प्रयोग करें।
- सबसे विशेष एटीएम की मशीन में जहां पर कार्ड डाला जाता है वहां पर उसे खिंचकर देखें। यदि क्लोनिंग मशीन फिट की गई होगी तो वह हाथ पर अलग लगाने पर पता लग जाएगी।
- इसी तरह एटीएम प्रयोग करते समय जहां पर एटीएम कार्ड लगाया जाता है वहां पर हरी लाइट जलने लगेगी। यह लाइट तब तक नहीं रुकेगी जब तक उपभोक्ता पैसे निकासी का कार्य कर कार्ड वापिस निकालकर आगे की ट्रांजेक्शन के लिए कैंसिल नहीं कर देता।
- हरी लाइट नहीं जलती है तो इसका सीधा सा मतलब है कि मशीन के साथ किसी ने छेड़छाड़ कर उसे हैंग किया है। ऐसे में उस मशीन का प्रयोग न करें।
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